तमिलनाडु में एक ताजा घटनाक्रम में शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरन को सत्ताधारी दल ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (AIADMK) से अलग करने का फैसला किया गया है। मंगलवार देर रात राज्य के वित्त मंत्री डी जयकुमार ने कहा AIADMK के सभी विधायक चाहते हैं कि दल पर किसी परिवार या व्यक्ति का वर्चस्व नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक समिति का गठन किया जा रहा है कि जो यह फैसला करेगी कि AIADMK का अगला महासचिव के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी कौन होगा। जयकुमार के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की जेल में बंद शशिकला को महासचिव के पद से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही जयकुमार ने कहा कि शशिकला के भतीजे TTV दिनाकरन और उनके परिवार को भी पार्टी के उपमहासचिव पद से हटा दिया जाएगा।
मंगलवार की शाम दोनों धड़ों ने एक बैठक में एकमत होकर पार्टी महासचिव वी शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरन को पार्टी से बाहर निकालने का फैसला किया। इस बैठक में पार्टी के 122 विधायक शामिल थे। बैठक में यह फैसला किया गया कि पार्टी का कामकाज देखने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी ही पार्टी के सभी बड़े फैसले लेगी।
इससे पहले अन्नाद्रमुक के विरोधी धड़े के नेता ओ. पनीरसेल्वम के पार्टी प्रमुख वीके शशिकला के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा था कि उनका ‘‘मूल सिद्धांत’’ है कि पार्टी या सरकार किसी एक परिवार के हाथों में नहीं रहेगी। इस साल फरवरी में विरोध करने के बाद शशिकला द्वारा पार्टी से बाहर निकाले गए पनीरसेल्वम दिवंगत जे. जयललिता की मौत की जांच कराने की मांग पर भी अटल थे।
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