जहां शौचालय नही वहां शिक्षा नहीं- इलाहबाद हाई कोर्ट

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इलाहबाद हाई कोर्ट
Allahabad High Court Building *** Local Caption *** Allahabad High Court Building. Express Archive photo

स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालयों की महत्ता पर जोर देते हुए इलाहबाद हाई कोर्ट ने दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, कि शिक्षा विभाग सरकार से सलाह-मशविरा कर बजट की व्यवस्था करे जिससे प्रदेश के हर बालिका विद्यालय में शौचालय का निर्माण कराया जा सके। यह याचिका केपी तिवारी द्वारा जालौन में लड़कियों के विद्यालय में शौचालय न होने को लेकर दाखिल की गई थी।

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इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी. बी. भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने कोर्ट में मौजूद निदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया कि, वह दस दिन के अंदर सरकार व संबंधित अधिकारियों से बात कर बालिका विद्यालयों में शौचालय के निर्माण को लेकर बजट की कार्ययोजना तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत करें। कोर्ट का कहना था कि, बालिका विद्यालयों में शौचालय के बिना लड़कियों का वहां पढ़ना उचित नहीं है।

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कोर्ट ने यह आदेश कन्या विद्यालय चुरखी महेवा, जिला जालौन में लड़कियों के लिए शौचालय की व्यवस्था न होने को लेकर दाखिल के पी तिवारी की एक जनहित याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश से कोर्ट में मौजूद शिक्षा निदेशक ने हलफनामा दायर कर बताया कि इस स्कूल में दो टायलट और यूरिनल हैं। पेयजल के लिए हैण्डपम्प लगाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि, यह पर्याप्त नहीं है और प्रत्येक गर्ल्स स्कूल में कम से कम छह शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। इसलिए बालिका विद्यालयों में शौचालय की योजना तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाए। कोर्ट इस याचिका पर अब 2 नवंबर को सुनवाई करेगी।

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