दिल्ली
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह राज्य से सांसदों, राज्य विधानसभा और राज्य विधानपरिषद सदस्यों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे।
न्यायमूर्ति अरूण टंडन और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की एक खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता आशुतोष गुप्ता की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर दिया। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य के 36 सांसदों, 182 विधायकों और 22 विधानपरिषद सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में तेजी से फैसला करने में राज्य सरकार की विफलता 2014 के उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं करने के समान है। उस आदेश में न्यायालय ने कहा था कि सांसदों, राज्य विधानसभा और राज्य विधानपरिषदों के सदस्यों के खिलाफ सुनवायी का निर्णय आरोप तय होने के एक वर्ष के भीतर होना चाहिए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवायी के लिए चार अगस्त की तारीख तय की है।