वहीं, तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता देवराज गुरुंग ने दावा किया कि जीजेएम समर्थकों ने लेबोंग कार्ट रोड स्थित उनके आवास पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके। जीजेएम समर्थकों ने कथित तौर पर पंखाबाड़ी में एक स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता के आवास पर हमला किया और बिजोनबाड़ी में पीडब्ल्यूडी के कार्यालय में आग लगा दी। दार्जिलिंग में जारी हिंसा का पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ा है। भूटान सीमा को सील कर दिया गया है।
एक रेल अधिकारी के मुताबिक, यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) की टॉय ट्रेन सेवा भी स्थगित कर दी गई है। जीजेएम ने सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य किए जाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग एवं कालिम्पोंग जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि नया नियम पहाड़ी जिलों में नहीं लागू किया जाएगा। इसके बाद भी हड़ताल का आह्वान किया गया है।
सिलीगुड़ी-कुर्सोंग सड़क को जीजेएम समर्थकों ने बंद कर दिया है। शनिवार को जीजेएमस समर्थक ‘गो पातलेबास’ मिशन के तहत रवाना हुए। जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग का घर पातलेबास में ही है। मोर्चा ने तीन विभिन्न इलाकों में रैली की है। समर्थकों के साथ झड़प में दो पुलिसवाले घायल हुए हैं। पुलिस के दो वाहनों में आग लगा दी गई।