शहीद के परिवार की दर्दनाक दास्तान: तिरंगे में लिपटे थे पापा, बेटियां दे रही थीं एग्ज़ाम

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सुनील बोकनारी के रहने वाले थे, जहां मातम पसरा है। उन्होंने 1998 में आर्मी ज्वॉइन की थी। शहीद की पत्नी ने बताया- दो दिन पहले ही सुनील से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि दशहरे की छुट्टी मंजूर हो गई है। 3 महीने पहले ही उनकी पोस्टिंग जम्मू हुई थी। सुनील की तीन बेटियां और 2 साल का एक बेटा है।

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हमले के बाद का मंजर देखे वीडियो में।

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