नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास मध्य प्रदेश के इंदौर से बिहार की राजधानी पटना जा रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन रविवार(20 नवंबर) तड़के दुर्घटनाग्रस्त हो गई। कानपुर के पास पुखरायां में ट्रेन हादसे में मरनेवालों की संख्या 120 हो गई है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि देश भर में पुराने हो चुके रेलवे ट्रैकों के मामले में रेलवे की लापरवाही इस घटना की मुख्य है। मौजूदा वित्त वर्ष में सुरक्षा के मोर्चे पर रेलवे का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल इस अवधि तक 69 रेल हादसे हुए थे जो इस साल बढ़कर 80 हो गए हैं। इसके बावजूद रेलवे की ओर से ट्रैकों की मरम्मत और रखरखाव पर खास ध्यान नहीं दिया गया। जबकि रेल दुर्घटना के ज्यादा मामले पटरी से उतर जाने के हैं।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि पुखरायां रेल हादसे की उच्च स्तरीय जांच होगी। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और अस्पतालों में घायलों से भी मिले। प्रभु ने कहा कि अभी पीड़ितों को मदद पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
शुरुआती जांच में दुर्घटना की मुख्य वजह रेल फ्रैक्चर(पटरी चटखना) बताया जा रहा है। इसके कारण ट्रेन के 10 डिब्बों के पटरी से उतरने के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का निरीक्षण किया। इसके अलावा घायलों को देखने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कानपुर के हैलट अस्पताल पहुंचे।