विरोधियों को चुनौती देनी है तो, बाप-बेटे को होना पड़ेगा एक: आज़म खान

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

क्या यूपी के लोग बीजेपी की सरकार नहीं बनाएंगे?
ऐसा नहीं हो सकता है कि यूपी के लोग हमें खारिज कर दें और दंगाइयों को वोट दें। बाबरी के कारण न तो कोई हिंदू मुसलमान बना और न ही कोई मुसलमान हिंदू बना। जब भी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है, राज्य सरकारें उनकी मदद करती हैं। उनके लिए केवल मुलायम सिंह खड़े हुए थे। मुलायम की वह इमेज आज भी मुसलमानों के दिलों में बसी हुई है।

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा हाल में राम संग्रहालय के लिए अयोध्या गए थे। क्या आपको लगता है कि राम मंदिर के मुद्दे का राजनीतिकरण हो रहा है?
राम मंदिर का विरोध कोई भी नहीं कर रहा। हमारा अकीदा किसी भी धर्म के देवता की तौहीन करने की इजाजत नहीं देता। अयोध्या के लोगों को फैसला करने दें कि राम का जन्म कहां हुआ था। इस पर खूनी सियासत नहीं होनी चाहिए। मेरी कार, मेरा ऑफिस देखिए। कहीं भी मेरे मजहब का निशान नहीं मिलेगा। मुझे पता है कि मैं सेक्युलर राज्य का मंत्री हूं। पीएम ने जय श्रीराम कहा। मैं इसका स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें वाहे गुरु और अल्ला-हू-अकबर भी कहना चाहिए। वह सेक्युलर देश के पीएम हैं। उन्होंने तो उस दिन साबित किया कि वह केवल हिंदुओं के पीएम हैं।

इसे भी पढ़िए :  मुलायम हुए नरम, अखिलेश देंगे पिता के प्रत्याशियों को टिकट?

यूपी में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रह सकता है?
देखिए प्रशांत किशोर ने तो रीता बहुगुणा जोशी को बीजेपी में जाने की सलाह दे दी। यह बहुत बुरी बात है। उनके हर पार्टी में कॉन्टैक्ट हैं, लेकिन कांग्रेसियों को बीजेपी में भेजना तो वाकई गलत है।

इसे भी पढ़िए :  पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने कहा- बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे SIMI के आतंकी

क्या प्रियंका गांधी के कैंपेन करने से कुछ फर्क पड़ेगा?
अगर प्रियंका आती हैं तो कांग्रेस का नुकसान घट सकता है। हो सकता है कि अमेठी और रायबरेली में एक सीट और मिल जाए।

ट्रिपल तलाक पर हालिया विवाद के बारे में आपका क्या कहना है?
तलाक मुसलमानों का मसला है। मुसलमान तो यह तय करेंगे नहीं कि विवाह करते वक्त हिंदू कितने फेरे लेंगे। दूसरे लोग तय करेंगे कि हम कैसे नमाज पढ़ें, कैसे शादी करें या अंतिम संस्कार कैसे करें?

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी के गाने पर जमकर नाचे बीजेपी विधायक, डांस का वीडियो हुआ वायरल

क्या आपको नहीं लगता कि तलाक की प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है? मुस्लिम महिलाओं के संगठन इसकी मांग कर रहे हैं…
कितनी मुस्लिम महिलाओं की नुमाइंदगी ये संगठन करते हैं? इन महिलाओं के लिए इस्लाम में ही रहना जरूरी तो नहीं। उन्हें मुसलमान बने रहने के लिए कोई दबाव तो डाल नहीं रहा है। सरकार मुस्लिम महिलाओं के प्रति इतनी सद्भावना क्यों दिखा रही है? मुस्लिम मर्दों के लिए भी वह कुछ सिंपैथी दिखा दे।

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse