सपा में मची उथल-पुथल के लिए ‘बदनसीब दिन की देन’ बताते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान ने कहा है कि बाप अगर बेटे नाराज़ नहीं होगा तो किस से होगा। नवभारत टाइम्स के मुताबिक आज़म ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इंटरव्यू में खान ने कहा कि आज कुछ लोग खुद को पिता या पुत्र के करीबी होने का वहम पाल सकते हैं, लेकिन जब पिता-पुत्र एक होंगे तो ऐसे खेमे बनाने वाले लोग कहीं के नहीं रह जाएंगे। आगे पढ़ें इंटरव्यू के दौरान आज़म खान के दिलचस्प जवाब:
सीएम अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। आपका क्या कहना है?
मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं, लेकिन यह किसी भी मुख्यमंत्री का संवैधानिक अधिकार है कि किसको मंत्रिमंडल में रखना है और किसको नहीं। इस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है।
लोग अटकल लगा रहे हैं कि पार्टी टूट जाएगी…
मुझे तो उसी पर विश्वास है, जो सीएम ने आज कहा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह पार्टी नहीं तोड़ेंगे।
आपने कहा है कि बीजेपी भाइयों को लड़ाती है। हालांकि अपनी पार्टी के बारे में आपने कहा कि एक शख्स पिता और पुत्र को लड़ा रहा है। सीएम ने भी उस शख्स को निशाने पर लिया है…
अरे, वह धर्म के नाम पर नहीं लड़ा रहा। बाप अगर बेटे से नाराज नहीं होगा, तो किससे होगा? यही बात बेटे के लिए भी है। यह तो रिश्तों की खूबी है। लेकिन मैं पार्टी के लोगों से भी कहता हूं कि वे बीच में न पड़ें। आज कुछ लोगों को लग सकता है कि वे बाप या बेटे के करीबी हैं, लेकिन जब पिता-पुत्र फिर एकसाथ होंगे तो ऐसे लोग कहीं के नहीं रहेंगे।
अमर सिंह को पार्टी में वापस लाने के बारे में क्या कहना है?
हमारे जैसे लोगों के लिए वह बेहद बदनसीब दिन था, जब उनका नाम फाइनल किया गया। हम कल भी उसी राय के थे, हम आज भी उसी राय के हैं कि जो भी हो रहा है, वह उस बदनसीब दिन की देन है। हमें पता है कि उन्हें किसने और क्यों प्लांट कराया।
किसने प्लांट कराया?
दुनिया कहती है कि बीजेपी ने प्लांट कराया। लेकिन खून के रिश्तों को तो सबसे ऊपर होना चाहिए।
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