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अगले पेज पर पढ़िए- क्या है पूरा मामला
यह है मामला 1पेश मामले में दोषी ने अपनी सौतेली नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया था। निचली अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास व 15 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले को दोषी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी अपील खारिज करते हुए कहा कि दोषी के कृत्य से ही पीड़िता 14 वर्ष की आयु में मां बन गई। यह घिनौना कृत्य है। दोषी किसी भी प्रकार से दया का पात्र नहीं है। उसे पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे रहना होगा।
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