पटना। युवाओं को रोजगार के लायक बनाने की जरूरत पर बल देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार बिहार में 2020 तक एक करोड़ लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 तक राज्य के एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाया जायेगा। इससे वे अपने पैर पर खड़ा हो सकेंगे। सरकार ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को नाैकरी की तलाश के लिए दो साल तक एक हजार रुपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता देगी, ताकि वे नौकरी की तलाश कर सकें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को अधिवेशन भवन में विश्व युवा कौशल दिवस पर राज्य में पहली बार आयोजित कौशल विकास दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कौशल विकास के प्रशिक्षण के तहत 12वीं पास युवाओं को अंगरेजी और हिंदी में संवाद करने की कला, कंप्यूटर का ज्ञान और रोजगार के लिए बुनियादी ज्ञान मिलेगा। इसके लिए महाराष्ट्र नॉलेज काॅरपोरेशन लिमिटेड (एमकेसीएल) से राज्य सरकार ने करार किया है।
राज्य के श्रम संसाधन विभाग ने बिहार कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर महाराष्ट्र नॉलेज कॉरपोरेशन (एमकेसीएल) के साथ एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। कुमार ने कहा कि एमकेसीएल कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य सरकार का ज्ञान साझीदार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य में कौशल विकास के लिए अच्छी गुणवत्ता के संस्थानों और केन्द्रों की जरूरत है ताकि युवाओं को उचित प्रशिक्षण मिल सके न कि प्रशिक्षण के नाम पर केवल प्रमाण पत्र मिले।’
मुख्यमंत्री ने वर्तमान समय में रोजगार के लिए कौशल विकास को जरूरी बताते हुए कहा कि हर जगह कुशल लोगों की कमी है। ऐसे लोगों की राज्य में ही नहीं, बल्कि देश-विदेश में भी मांग है। देश में नर्सों की कमी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज पीएमसीएच और एनएमसीएच की नर्सों की निजी नर्सिंग होम में अधिक मांग है। संचालक अपने संसाधन से यहां से उन्हें ले जाते हैं, इसलिए ही हमने सात निश्चयों में नर्सिंग कॉलेज खोलने को शामिल किया है।