गुजरात के जूनागढ़ में सोमवार देर रात एक पत्रकार की खून से सनी लाश उसके ऑफिस में मिली। जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची। लेकिन तब तक पत्रकार की मौत हो चुकी थी और कातिल फरार हो चुका था। ये लाश राजिस्थान के एक स्थानीय अखबार में काम करने वाले पत्रकार किशोर दवे की थी परिजनों के मुताबिक, किशोर दवे ‘जय हिंद’ नाम के अखबार के ब्यूरो चीफ थे। रात करीब साढ़े नौ बजे उनके ऑफिस में ही चाकू मारकर उनकी हत्या कर दी गई। इस घटना में बड़ा मोड़़ उस वक्त आया जब मृतक के परिजनों ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता रतिलाल सुरेजा के बेटे डॉ. भावेश सुरेजा पर हत्या का आरोप लगाया।
रतिलाल सुरेजा गुजरात के मोदी सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। परिजनों के मुताबिक पिछले एक साल से किशोर दवे और डॉ. भावेश सुरेजा के बीच झगड़ा चल रहा था। डॉ. भावेश सुरेजा के खिलाफ एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसे पत्रकार किशोर दवे ने अपने अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद भावेश ने किशोर के खिलाफ मनहानि का केस भी दर्ज किया था। परिवार वालों को कहना है कि इसी रंजिश में भावेश सुरेजा ने किशोर दवे को मौत के घाट उतार दिया।
किशोर के परिजनों का आरोप है कि किशोर दवे को पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां भी दी गई थीं। फिलहाल गुजरात पुलिस हत्या मामले की तहकीकात में जुट गई है। हत्या मामले में डॉ. भावेश सुरेजा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। किशोर के भाई का कहना है कि उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले से ही पुलिस में लिखित शिकायत की गई थी और डॉ. भावेश से जान का खतरा बताया गया था। आरोप है कि अगर पुलिस वक्त रहते ठोस कार्रवाई करती तो आज उनके भाई की जान ना जाती।