प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही बीजेपी सांसदों को संयम बरतने की नसीहत देते रहते हों लेकिन कुछ सांसद ऐसे हैं जिन पर पीएम की अपील का असर होता नजर नहीं आता। ताजा मामला यूपी के बाराबंकी से सांसद प्रियंका रावत का है। जिन्होंने एक पुलिस अधिकारी को खाल खिंचवाने की धमकी दी है।
सांसद प्रियंका रावत ने बाराबंकी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये धमकी दी। उन्होंने एडिशनल एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह को भ्रष्ट और प्रॉपर्टी डीलर करार दिया। साथ ही उन पर और कई गंभीर आरोप लगाए। बीजेपी सांसद ने यहां तक कह डाला कि पिछली सरकार में जितनी मलाई खाई है, सब निकलवा लेंगे। साथ ही खाल भी खिचवा लेंगे।
सिफारिश नहीं मानी तो सांसद हुईं नाराज
महिला सांसद ने कहा कि उन्होंने इस पुलिस अधिकारी को कत्ल के एक ऐसे मामले की जांच के सिलसिले में फोन किया था, जिसकी तहकीकात उनकी निगरानी में हो रही थी… फोन पर हुई बहस के दौरान पुलिस अधिकारी ने कथित रूप से सांसद से कहा, “मैं पुलिस वाला हूं… मुझे मालूम है, मैं क्या कर रहा हूं…”
दावा है कि एडिनशनल एसपी ने उनकी सिफारिश मानने से इनकार कर दिया। जिसके बाद वो भड़क गईं। प्रियंका रावत इतनी नाराज हो गईं कि अपना आपा ही खो बैठीं और मीडिया के सामने ही एडिशनल एसपी की खाल खिंचवाने की धमकी देने लगीं।
उत्तर प्रदेश में एक-सवा महीना पहले नई सरकार ने कामकाज संभाला था, और तभी से कुछ सांसदों व विधायकों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे योगी आदित्यनाथ के साफ व प्रभावी सुशासन को लेकर दिए गए आदेशों की आड़ में अधिकारियों को डरा रहे हैं…
पिछले ही सप्ताह बीजेपी के एक सांसद पर बिना अनुमति लिए जुलूस निकालने और भीड़ की आड़ में एक पुलिस अधिकारी के घर को निशाना बनाकर उन्हें धमकाने का आरोप लगा था…
दो ही दिन पहले बीजेपी विधायक केसर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि वह एक बैंक मैनेजर द्वारा उन्हें तवज्जो नहीं दिए जाने पर मैनेजर को घसीटकर कार तक लाए थे, और उसकी पिटाई की थी… हालांकि केसर सिंह ने बैंक मैनेजर को पीटने के आरोप का खंडन किया है…
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी बीजेपी सांसदों को ये नसीहत दे चुके हैं कि अधिकारियों पर काम के लिए प्रेशर न बनाएं। साथ ही वो ट्रांसफर के चक्कर में न पड़ें। दूसरी तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी सुलखान सिंह भी बार-बार अधिकारियों को बिना दबाव के काम करने के निर्देश दे रहे हैं। ऐसे में बीजेपी सांसद का एक पुलिस अधिकारी को इस तरह धमकी देना कई सवाल खड़े करता है।