बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को फिलहाल इस बात का ठीक-ठीक अंदाजा नहीं है कि पलनिसामी कैसे काम करेंगे और उनकी सरकार पर शशिकला का नियंत्रण किस तरह से होगा। मुमकिन है कि जेल में बंद शशिकला कुछ वक्त लें और सोच-समझकर कदम उठाएं। हालांकि, अगर तमिलनाडु सरकार संतुलित ढंग से काम करने में कामयाब रहती है तो बीजेपी के लिए यह राहत की बात होगी। वह आने वाले राष्ट्रपति चुनाव और संसद में पास होने वाले अहम बिलों के मद्देनजर एआईएडीएमके से समर्थन की उम्मीद रखेगी।
आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने कहा है कि पलनिसामी के सीएम पद की शपथ लेना और तमिलनाडु का राजनीतिक घटनाक्रम पूरी तरह से एआईएडीएमके का अंदरूनी मामला है। बीजेपी के मुताबिक, वह सिर्फ राज्य में स्थिर सरकार चाहती है। बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘यह एआईएडीएमके का अंदरुनी मामला है। वह जिसे भी राज्य का सीएम बनाना चाहें यह भी उनका मामला है। बीजेपी और केंद्र की ओर से इसमें निभाने लायक कोई भूमिका नहीं है।’
शशिकला की पार्टी पर पकड़ कितनी है, इस बात का ठीक-ठीक अंदाजा लगा पाना फिलहाल मुश्किल है। हालांकि, यह तो साफ है कि कोर्ट के फैसले ने उनके चुनावी सियासत पर एक दशक का ग्रहण लगाते हुए उनकी शक्तियां सीमित कर दी हैं। उन्हें कानूनी राहत भी मिलने की कम उम्मीद है। अगर वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करती हैं तो इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले को पलट दे।