छत्तीसगढ़ में लोग ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत अपने घर में टॉयलेट बनवाकर फंस गए हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ के अंडी गांव का है जहां कुछ लोगों ने पैसे मिलने की आस में ब्याज पर पैसा लेकर टॉयलेट बनवा लिए। क्योकि उन्हें लगा था की जो वादा सरकार ने किया था उसके हिसाब से उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी लेकिन वह भी नहीं दी गई। इतना ही नहीं पैसे ना मिलने के बाद परिवार के लोग ब्याज पर लिए पैसे को चुकाने के लिए शहर में काम करने के लिए गए लेकिन वहां भी उन्हें धोखा मिला और पैसे देने की जगह उन्हें कैद कर लिया गया।
खंडे परिवार के पास अपनी कोई जमीन नहीं है। परिवार बटाई पर खेती करता है। सरकार से पैसा मिलने की आस में उन्होंने प्रशासन के दबाव में टॉयलेट बनवा लिया। लेकिन फिर उन्हें कोई पैसा नहीं मिला। इसके बाद देनदारों के दबाव में परिवार का लड़का (सुभ खंडे) पैसा कमाने के लिए यूपी के देवरिया चला गया। वहां वह एक ईंट के भट्टे में काम करता है। सुभ अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर देवरिया गया था। उसे उम्मीद थी कि पैसे कमाकर वह गांव जाकर देनदारों के पैसे चुका पाएगा।
लेकिन वहां वह फंस गया। दरअसल, जो शख्स उन्हें वहां लेकर गया था वह उन्हें दी जाने वाली सैलरी लेकर भाग गया। जिसकी वजह से सुभ और उसके जैसे कितने लोग अपने घर नहीं जा पा रहे। इतना ही नहीं सुभ ने छत्तीसगढ़ में रहने वाले अपने पिता को फोन करके बताया कि वहां उसको मारा-पीटा जाता है, गालियां दी जाती हैं और ज्यादा काम करवाया जाता है। वहां पति-पत्नी को अलग रखा जाता है ताकि कोई भाग ना सके।
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