देश की सबसे अमीर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बीएमसी की सत्ता पर काबिज होने के लिए शिवसेना का रास्ता साफ हो गया है। बीजेपी ने मेयर और डेप्युटी मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने से इनकार कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी के पार्षद विपक्ष में नहीं बैठेंगे। उन्होंने शिवसेना को समर्थन की घोषणा करते हुए यह भी ऐलान किया कि पार्टी पारदर्शिता के मुद्दे पर कायम है और जहां जरूरी लगेगा वहां शिवसेना का विरोध भी किया जाएगा। इस बीच खबर है कि विश्वनाथ महादेश्वर बीएमसी में मेयर और हरेश्वर वर्लिकर डेप्युटी पद के लिए शिवसेना के उम्मीदवार होंगे।
उन्होंने कहा, “हमने यह फैसला मुंबई के हित में लिया है। बीजेपी मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी, शिवसेना का समर्थन किया जाएगा। पार्टी पारदर्शिता के मुद्दे पर अडिग है। जहां भी इसकी जरूरत होगी, हम आवाज उठाएंगे। हमने चुनाव से पहले ही घोषणा की थी नगर निगम के काम में पार्दर्शिता आनी चाहिए। हम एक समिति का गठन कर रहे हैं जो तीन महीने में यह हमें रिपोर्ट देगी।”
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही फडणवीस कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बयान दिया था कि वह इस बात को लेकर 200 फीसदी आश्वस्त हैं कि बीएमसी में भाजपा और शिवसेना एकसाथ आएंगे। पाटिल ने प्रदेश भाजपा की कोर समिति की अहम बैठक के पहले यह बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य की भाजपा नीत सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
227-सदस्यीय महानगरपालिका में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। इस चुनाव में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा को 82 सीटें मिली और वह मामूली अंतर से ही शिवसेना से पिछड़ गई।