देश में हिंदू-मुस्लिम एकता जो बहुत कम देखने को मिलती है हर तरफ कट्टरपन ज्यादा देखा जाता है। लेकिन इसके चलते देश में एक ऐसी मिसाल कायम हुई है। जो सबके दिलो को छू जाएंगी। एक मुस्लिम ने एक हिंदू व्यक्ति को दिया अपना दिल। अर्जन अबंलिया अब जब तक जिएंगे तब तक एक मुस्लिम किसान और उसके परिवार के तहे दिल से एहसानमंद रहेंगे। ब्रेन डेड आसिफ जुनेजा के दिल ने अंबलिया को नई जिंदगी जो दी है।
सोमवार को भावनगर से प्लेन के जरिए जुनेजा का दिल अहमदाबाद लाया गया और अंबलिया का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। बता दें कि यह गुजरात में किया गया पहला हार्ट ट्रांसप्लांट भी है। 17 दिसंबर को जुनेजा रोड क्रॉस करते वक्त एक तेज रफ्तार गाड़ी से टक्कर खाने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें भावनगर के सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया गया जहां 20 दिसंबर को उन्हें ब्रेन डेड करार दे दिया गया।
भावनगर के चैरिटेबल हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन डॉक्टर राजेंद्र कबारिया ने बताया, ‘हमने जुनेजा के परिवार से उनके अंगदान करने के लिए संपर्क किया और वे राजी हो गए। दिल के अलावा जुनेजा की दो किडनी, लिवर और अग्नाश्य भी चार अन्य जरूरतमंदों को दिए जाएंगे।