जिंदगी-मौत से जूझ रहे चित्रकार ने पीएम को लिखी खून से चिट्ठी, मोदी ने नहीं सुनी बेचारे के ‘मन की बात’

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विनय की चिंता सिर्फ अपनी बीमारी की नहीं है, बल्कि वह बुंदेलखंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खुलने की मांग भी कर रहे हैं। विनय ने खुद तीन साल सिर्फ दिल्ली के एम्स में अपनी जांच करवाई, लेकिन वहां भीड़ के कारण उनका इलाज शुरू नहीं हो पाया।

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वह कहते हैं कि लीवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 35 से 40 लाख रुपए चाहिए। इतनी रकम जुटाना मुश्किल है। उन्होंने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा, पर वहां भी उनकी बात नहीं सुनी गई।

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विनय ऑडर पर चित्र बनाते हैं और बच्चों को निशुल्क चित्रकारी सिखा रहे हैं। उनके विद्यार्थी भी अपने गुरु की तारीफ करते हुए कहते हैं कि वह अपने सारे गुण उन्हें देना चाहते हैं।

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