खतरे में गांधी-नेहरू परिवार का गढ़, अमेठी-रायबरेली से कांग्रेस का हो सकता है सफाया

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लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेताओं की मांग पूरी होगी इस पर संशय है क्योंकि सपा ने इन सीटों पर जिन उम्मीदवारों को उतारा है उनमें कई अहम नाम हैं। अखिलेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति अमेठी विधान सभा से प्रत्याशी हैं। वहीं राकेश प्रताप सिंह जिले की गौरीगंज विधान सभा से सपा उम्मीदवार हैं। रायबरेली में आशा किशोर (सालोन), देवेंद्र प्रताप सिंह (सारेनी) और मनोज कुमार पाण्डेय (ऊंचाहार) को टिकट दिया है। ये सभी सपा के वर्तमान विधायक हैं ऐसे में सपा के लिए इनका टिकट काटने पर भीतरघात का खतरा रहेगा।

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2012 में रायबरेली की पांच विधान सीटों (बछरावन, हरचंदपुर, रायबरेली, सारेनी और ऊंचाहार) में से कांग्रेस सभी पर हार गयी थी, वहीं सपा चार पर जीती थी ऐसे में इन सभी सीटों को दोबारा पाने का कांग्रेसी दावा कागज पर कमजोर है। वहीं 2012 में अमेठी की पांच विधान सभा सीटों (तिलोई, सालोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी) में कांग्रेस को केवल दो पर जीत मिली थी, बाकी तीन सीटें सपा की झोली में गई थीं। चूंकि अमेठी और रायबरेली की विधान सभाओं में चुनाव चौथे और पांचवे चरण में होना है। इन विधान सभाओं के लिए नामांकन 30 जनवरी और दो फरवरी से शुरू होगा इसलिए अगले एक हफ्ते गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले इन दोनों जिलों के लिए काफी अहम होगा।

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