दिल्ली की एक जिला अदालत ने दुष्कर्म के एक आरोपी को बरी कर दिया है। दिल्ली के द्वारका स्थित जिला न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने यह प्रतिक्रिया देते हुए बरी कर दिया है कि मामला दर्ज होने में एक दो माह की देरी हो सकती है। अदालत ने मामला दर्ज होने में 20 माह को देरी को गलत ठहराया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी व पीड़िता दोनों अलग अलग धर्म से ताल्लुक रखते थे फिर भी पीड़िता का आरोपी के प्रति विश्वास था वह उससे शादी करना चाहती थी। आरोपी ने भी शादी करने के लिए आश्वस्त किया था। इसी बीच आरोपी के माता पिता ने उसकी शादी अपने धर्म से ताल्लुक रखने वाली एक लड़की से कर दी। इसका पता लड़की को आरोपी के फेस बुक से चला। तब लड़की की शिकायत पर पुलिस ने 16 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज कर लड़के को गिरफ्तार कर लिया। मामला दर्ज होने से पहले दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में चिकित्सीय परीक्षण कराया गया था। डाक्टरों ने किसी तरह के चोट का निशान नहीं पाया। पीड़िता की शिकायत की थी कि वह इसके पहले आरोपी के साथ ऋषिकेश गई थी आरोपी ने उसकी अंतरंग तस्वीर लेकर ब्लैकमेल करता रहा और शारीरिक संबंध बनाता रहा।