धरने पर बैठे डिडवाड़ा गांव निवासी सतीश, प्रेम, रोशन, सुबा, नरेश, सनेहरा, जयनारा व शांति देवी ने बताया कि पंजाब नजूल एक्ट 1956 के तहत अनेक गांव के हरिजनों को गुजारे के लिए सहकारी समिति बनाकर नजूल लैंड आवंटित की गयी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2010 से 2014 के बीच भाजपा नेता राजू मोर, रोहताश उर्फ काला, हरपाल सांगवान एवं डीसी कार्यालय में एक कर्मचारी ने मिलीभगत करके 11 गावों की करीब 600 एकड़ भूमि तथा जिसमें उनके गांव की 41 एकड़ भूमि शामिल है को अवैध तरीके से हड़प ली। इस साजिश में उनकी सोसाईटी के प्रधान पाला राम भी शामिल है।
प्रदर्शकरियों ने बताया कि उनके द्वारा इस मामले को उठाने के बाद 13 जुलाई 2015 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। उन्होने बताया कि इस मामले को लेकर वो कई सीएम मनोहर लाल से भी बात की जिसके बाद जांच के लिए उन्होएन ने अपने ओएसडी जगदीश चोपड़ा की डयूटी लगा दी। लेकिन जांच अभी भी लंबित है।