दिल्ली मेट्रो में सफर करनेे वालो की जेब होगी ढीली, 20 रुपये तक बढ़ेगा किराया

0
दिल्ली मेट्रो में
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालो की जेब पर अब असर होने वाला है, क्योंकि दिल्ली मेट्रो अपना किराया बढ़ा रही है। साथ ही इसकी संरचना में भी बदलाव करने की तैयारी है। वर्तमान किराया दूरी के लिहाज से 15 स्लैब में बांटा गया है। सूत्रों की जानकारी के अनुसार तो इसे अब छह स्लैब में कर दिया जाएगा।

इससे दिल्ली मेट्रो में खुले पैसे का झंझट खत्म हो जाएगा। हालांकि अभी तक किराया फिक्सेशन कमेटी (एफसीसी) की ओर से की गई बढ़े किराये की सिफारिश को बोर्ड की मंजूरी नहीं मिली है। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि अब दिवाली के बाद ही मेट्रो का नया किराया लागू हो पाएगा। तीन सदस्यीय एफसीसी 7 सितंबर को ही मेट्रो के बढ़े किराये की सिफारिश कर चुकी है। इसमें न्यूनतम किराये में दो रुपये की बढ़ोतरी कर 8 से 10 रुपये, जबकि अधिकतम किराये में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर 30 से 50 रुपये करने की सिफारिश की गई है।

इसे भी पढ़िए :  विधानसभा चुनाव 2017 : गोवा में वोटिंग जारी, 1 बजे तक 53 प्रतिशत मतदान

यह अधिकतम 66 फीसदी की बढ़ोतरी है। इसे लागू करने के लिए डीएमआरसी बोर्ड की मंजूरी जरूरी है। इसे लेकर 29 सितंबर को बैठक होनी थी, जो टल गई। नई तारीख अभी तय नहीं है। सूत्रों की मानें, तो डीएमआरसी एफसीसी की ओर से सिफारिश की गई न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये किराये को छह स्लैब में बांटना चाहता है। वर्तमान में यह 15 स्लैब में है, जो 8 रुपये से शुरू होकर 30 रुपये तक है। प्रत्येक स्लैब में 1 से 3 रुपये की बढ़ोतरी है। इससे खुले पैसे की किल्लत होती है। अब डीएमआरसी बढ़े किराये के लिहाज से छह स्लैब में अधिकतम 5 से 10 रुपये की बढ़ोतरी करेगा। यह किराया स्लैब 10, 15, 20, 30, 40 और 50 रुपये का होगा।

इसे भी पढ़िए :  आखिरकार बेंगलुरु पुलिस के हत्थे चढ़ी ‘मिस नटवरलाल’

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो में किराया 2009 के बाद से नहीं बढ़ा है, जबकि यह प्रत्येक तीन वर्षों पर बढ़ना चाहिए। 2009 में न्यूनतम किराया 6 से बढ़ाकर 8 और अधिकतम किराया 22 से बढ़ाकर 30 रुपये किया गया था। उसके बाद राजनीतिक कारणों से किराया नहीं बढ़ रहा है। डीएमआरसी प्रबंध निदेशक मंगू सिंह का कहना है कि पहले ही किराया बढ़ोतरी में देरी हो चुकी है। बढ़ा हुआ किराया जितनी जल्दी लागू हो, उतना अच्छा होगा।

इसे भी पढ़िए :  पटना नाव हादसा: गलती आखिर किसकी? रिपोर्ट पढ़कर चौंक जाएंगे

अगले पेज में पढ़िए आगे कि खबर-

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse