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टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मुरादाबाद से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चमन अरा ने बताया कि वह बैंकों से पैसा ही नहीं निकाल पा रहे थे और अनाज व सब्जियों पर डीलर्स द्वारा दिए जाने वाले उधार की भी एक सीमा है। वह गुस्से में कहती हैं कि सरकार को कम से कम बच्चों के लिए तो कुछ इंतजाम करने ही चाहिए थे। हमें बच्चों को ड्राई फ्रूट्स ही देने पड़े।
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