गोवा में आगामी चुनावों को लेकर सियासत जोरों पर हैं। अब इसे सियासत का हिस्सा कहें या महज़ इत्तेफाक कि जैसे ही आप पार्टी ने एल्विस गोम्स को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया, तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाही तेज़ हो गई। एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने आवासीय घोटाले में समन जारी किया है। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की पिछली सरकार में आवास मंत्री रह चुके नीलकंठ हालर्नकर के साथ-साथ गोम्स को 26 दिसम्बर को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया है।
गोम्स तथा हालर्नकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत इसी साल फरवरी में मामला दर्ज किया गया था। उस वक्त गोम्स नौकरशाही का हिस्सा थे।
नीलकंठ हालर्नकर और एल्विस गोम्स दोनों के खिलाफ आरोप है कि इन्होंने निर्धारित प्रक्रिया की उपेक्षा कर दक्षिणी गोवा के मार्गाओं में 30,256 वर्ग मीटर जमीन के अधिग्रहण की आधिकारिक प्रक्रिया को रद्द कर दिया। इससे निहित स्वार्थी तत्वों के लिए जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया।
अगले स्लाइड में पढ़ें – सीएम पद के उम्मीदवार का नाम घोटाले में आने से, क्या होगा ‘आप’ पार्टी का नुकसान