देश में नोटबंदी ने आतंकियों और नक्सलियों को आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया है। इससे बौखलाए नक्सली अब विभिन्न संगठनों को नोटबंदी के खिलाफ संगठित कर रहे हैं। नक्सलियों ने 1000 और 500 के पुराने नोटों को ठिकाने लगाने की भी रणनीति बना ली है। इसके लिए नक्सली लीडर ठेकेदारों और पंचायत के प्रतिनिधियों के सीने पर बंदूक रख रहे हैं और रिश्तेदारों-करीबियों को ढाल बना रहे हैं। नोटों की अदला-बदली कर आर्थिक रूप से मजबूत हो चुकी नक्सलियों की ग्राउंड टीम ‘आकाओं’ के निर्देश के इंतजार में है। बिहार, झारखंड और यूपी के कुछ इलाकों में गतिविधियों की जानकारी होते ही इंटेलिजेंस की सेंट्रल टीम ने सोमवार को सभी प्रदेशों के पुलिस मुख्यालयों को अलर्ट कर दिया है।
नोटबंदी के बाद झारखंड और बिहार में सीनियर नक्सली नेताओं को रंगदारी की रकम को नई करंसी में बदलने की जिम्मेदारी संगठन की ओर से सौंपी गई है। नक्सली नेता इसके लिए अपने रिश्तेदारों और करीबियों के अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा गया और औरंगाबाद में बंदूक के दम पर ठेकेदारों के माध्यम से भी नोटों को बदला गया है। सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में जन मिलिसिया कमांडर ने भैरमगढ़ और बीजापुर के लोगों के अकाउंट में रकम जमा करवाई है।
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