झारखण्ड। झारखंड के धोलाबेड़ा पंचायत के डुमरिया क्षेत्र के बारुनिया गांव निवासी, भोटा सबर की आर्थिक स्थिती अच्छी नही होने के कारण उन्होंने अपने बेटे को एक हजार रुपये में बेच दिया। वहां के मुखिया सहदेव मुर्मू के बताया कि भोटा सबर के छह बच्चे हैं। हाल ही में उसकी पत्नी की मौत हो गई है,जिसके बाद कमाने वाले दो से एक हो गए हैं। साथ ही भोटा के हाथ में किसी कारणवश गहरी चोट भी है,जिसके कारण वह कई दिनों से काम नही कर पा रहा है।इस कारण उसकी आर्थिक स्थिती दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है। बकौल सहदेव मुर्मू उन्होंने डुमरिया के बीडीओ को भोटा सबर को आर्थिक सहायता दिलाने की कोशिश की थी। मगर बीडीओ मृत्युंजय कुमार का कहना है वो आर्थिक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन इसी बीच भोटा सबर ने अपने बच्चे को बेच दिया.
बीबीसी हिंदी के मुताबिक भोटा झारखंड की विलुप्तप्राय जनजाति सबर से ताल्लुक रखता है। ये लोग बुरी आर्थिक स्थिति में जी रहे हैं। बारुनिया गांव में सबर आदिवासियों को 6-7 परिवार रहते हैं। डुमरिया के थाना प्रभारी विक्रांत कुमार ने बीबीसी को बताया कि अब भोटा सबर ने थाने में आवेदन देकर अपने बच्चे को वापस दिलाने की मांग की है।
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