नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ‘‘संवेदनशील स्थिति’’ पर चिंता जताते हुए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने तथा क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग के लिए मिलकर काम करने की अपील की।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि 2003 के संघर्ष विराम का पालन किया जाएगा। हमारी भावनाएं नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों के साथ हैं, क्योंकि ऐसे तनाव के समय सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें ही उठानी होती है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को संयम बरतनी चाहिए और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए संवाद की खातिर सभी तरीकों का इस्तेमाल करें।
उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच टकराव एवं कटुता से किसी भी देश के लिए अनुकूल नतीजा नहीं मिला है। सभी लंबित मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।