आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं, आम आदमी के विधायक एक के बाद एक मुश्किल में फंसते नज़ आ रहे हैं। ताजा मामला है धार्मिक ग्रंथ के अपमान का। जी हां मलेरकोटला में 24 जून को कथित तौर पर एक धार्मिक ग्रंथ को अपवित्र करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पंजाब पुलिस उन्हें कभी भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस मामले के एक आरोपी ने दावा किया है कि उसने विधायक के इशारे पर ऐसा किया। वहीं आम आदमी पार्टी की दलील है कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। आप पार्टी ने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि ये 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। पार्टी ने मामले की पंजाब पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआइटी गठित करने की मांग की है।
दरअसल कुछ दिनों पहले धार्मिक ग्रंथ कुरान के पन्ने फाड़ने और उन्हें जलाकर सड़क पर फेंकने की खबर आई थी। जिसके बाद कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने कार्यवाई करते हुए इस मामले में 27 जून को तीन लोगों विजय कुमार, नंद किशोर गोल्डी और गौरव को गिरफ्ताार किया था। दिल्ली निवासी विजय ने शनिवार को पटियाला में दावा किया था कि उसने यादव के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया।
वहीं इस गंभीर आरोप में फंसे आप पार्टी के विधायक नरेश यादव ने कहा, ‘यह गलत आरोप है। जब पूरे देश में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई हमें समर्थन दे रहे हैं और जब हम चुनाव जीत रहे हैं तो फिर मैं ऐसा क्यों करुंगा?’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मेरी कोई संलिप्तता नहीं है। अगर कोई सबूत है तो मुझे फांसी दे दो। यह साजिश है। इस मामले से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। पूरा देश जानता है कि यह हरकत सिर्फ एक पार्टी कर सकती है।’ वहीं कांग्रेस ने कहा है कि आप के विधायक पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।