पंजाब की ये 17 साल की लड़की,  दे रही जातिवाद को चुनौती  

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दलित

 

एक समय था जब दलित जातियां अपनी पहचान छुपाती थीं लेकिन अब हालात बदले हैं। दलित जातियों ने इस पर गर्व करना शुरू कर दिया है। वहीं समाज में भी इनकी अपनी पहचान बनी है।

पंजाब का जालंधर सबसे अधिक दलित आबादी वाले जिलों में से एक है। यहां बड़ी तादाद में चमड़े का काम करने वाली जाति रहती है। जिन्हें दलितों में गिना जाता है अब अपनी जात बताने में शर्म नहीं करते। जाति से जुड़े संगठनों ने अपने बैनर्स पर सबसे ऊपर लिखना शुरू कर दिया है गर्व से अपनी जाति के बारे में कहो। धीरे-धीरे एक पूरी पीढ़ी इस बात पर गर्व महसूस करने लगी और जो नाम एक अपमान के तौर पर उनकी तरफ उछाला जाता था,  आज वहीं उनके लिए पहचान बन गई है।

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दलित परिवार में जन्मी 18 साल की गुरकंवल भारती जो यूट्यूब और फ़ेसबुक पर गिन्नी माही के नाम से अधिक मशहूर हैं, आज चमार रैप क्वीन मानी जाती है। हुंदे असले तो बध डेंजर चमार (हथियारों से अधिक खतरनाक हैं चमार)  गिन्नी का ऐसा वीडियो है जिसे यूट्यूब के अलग-अलग चैनल्स पर लाखों की तादाद में हिट्स मिले हैं।

एक हज़ार से अधिक स्टेज शो और गायन कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकीं गिन्नी ने कहा कि 11 साल की उम्र से गायन शुरू कर आज वह 22 से अधिक गीत रिकॉर्ड करवा चुकी है और उनके वीडियो भी बने हैं। वह अपने हर गीत में एक संदेश देना चाहती है। स्कूल और कॉलेज में टीचर्स और स्टूडेंट उसे गायन में प्रोत्साहित करते हैं। डेंजर चमार का आइडिया भी उसे एक स्टूडेंट से ही मिला था। जो कि आज उसका सबसे हिट म्यूजिक वीडियो बन चुका है।

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गिन्नी के पिता राकेश माही का कहना है कि गिन्नी को मिली सफ़लता ने उनकी समुदाय के अन्य बच्चों को भी प्रेरित किया है और वे भी अब गायन में आना चाहते हैं। सिर्फ 18 साल की उम्र में गिन्नी राजनीतिक और सामाजिक तौर पर भी काफी जागरूक है और वह अच्छी तरह से जानती है कि बाबासाहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान लिखा और संविधान में दलितों को आरक्षण देकर उनका सामाजिक उत्थान किया।

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वह अपने गीतों में भी अपने आप को बाबा साहब की बेटी ही क़रार देती है। वह पंजाब और पूरे देश में दलितों के उत्थान के लिए काम करने के साथ ही बॉलीवुड में प्ले बैक सिंगर भी बनना चाहती है। गर्व से कहो हम चमार हैं, पुत्त चमारा दें, की सोच को पूरे समाज तक पहुंचाने के लिए इस समुदाय के गायकों की एक पूरी पीढ़ी सक्रिय है जो कि चर्चे चमारा दें, डेंजर चमार आदि गीतों से अपने समाज को अपने पर गर्व करने के लिए प्रेरित कर रही है।