देहरादून: उत्तराखण्ड के सीएम हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग को लेकर आज उन्हें सीबीआई के सामने पेश होना है। दो दिन पहले उन्हें समन जारी किया गया था। इससे पहले भी वे दो बार सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं। समन पर रावत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें सीबीआई से समन जारी करने के पीछे सरकार की साज़िश है।
सुप्रीम कोर्ट के नकारने के बाद जांच का क्या मतलब
सीबीआई ने सीएम हरीश रावत को समन जारी कर 26 को को कोर्ट में पेश होने को कहा था। रावत का कहना है कि बीजेपी को पता है कि वो रावत से चुनाव में मुकाबला नहीं कर सकती है इसलिए ऐसा दांव खेल रही है। यहां पुलिस लाइन के सम्मेलन कक्ष में पत्रकार वार्ता में सीएम ने फिर से स्टिंग आपरेशन को साजिश बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल ने केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जबकि निर्वाचित सरकार ने संस्तुति नहीं की। यदि ऐसे ही सीबीआई जांच होती रहीं तो कोई नहीं बचेगा। राष्ट्रपति शासन स्टिंग के आधार पर लगाया था लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया। फिर स्टिंग मामले में जांच बनती ही नहीं है। जब किसी विधायक को खरीदा ही नहीं गया तो खरीद-फरोख्त की बात कहां से आई।
सीएम हरीश रावत ने स्वीकारा पर कहा कि सत्ता में रहते हुए कुछ समझौते करने पड़ते हैं। उन्होंने सरकार गिराने की साज़िश रचने वालों की जांच की भी मांग की। उनकी मांग है कि दो साल तक सीएम आवास में दलाली करने वाले, तथाकथित स्टिंगबाज के पास मोटी धनराशि और सरकार को गिराने की साजिश रचने वालों के खिलाफ जांच होनी चाहिए।
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