मध्य प्रदेश में मानसून कहर बनकर आया है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश में अब तक 22 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 9 लापता हैं। राज्य में पिछले 5 दिनों से बारिश हो रही है और कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। बाढ़ के कहर से उज्जैन, विदिशा, मंदसौर, सीहोर में बाढ़ आ गई है। सीहोर में बाढ़ की वजह से 200 से ज़्यादा गांवों का संपर्क अन्य जगहों से टूट गया है। सतना में भी 40 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं।
म.प्र. में नदियों का जलस्तर बढ़ने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई जगह पानी भरने से लोग फंस गए हैं। कई इलाके 15 से 20 फुट गहरे पानी में डूबे हैं जहां NDRF को बोट चलाने में दिक्कत आ रही है।
बाढ़ से बेहाल मध्यप्रदेश में लोगों की मदद के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं जहां 15,810 बाढ प्रभावित लोग रह रहे हैं। जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, उज्जैन, विदिशा जैसे जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। राज्य में राहत और बचाव कामों के लिए NDRF की 45 टीम, SDRF के 5000 जवान और पुलिस के 800 जवान तैनात किए गए हैं।
बाढ़ के संकट को देखते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रभावित इलाकों का दौरान कर रहे हैं। साथ ही लोगों की मदद के लिए 1079 का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। 18 जिलो में मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों के दौरान जबर्दस्त बारिश का अलर्ट जारी किया है।