मध्य प्रदेश में भारी बारिश बनी आफत, बाढ़ से बेहाल हुई जिंदगी

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तपती गर्मी के बाद मानसून ने जब उत्तर भारत में दस्तक दी तो लोगों को काफी राहत महसूस हुई लेकिन मानसून की बारिश कई जगहों पर लोगों के लिए आफत बनकर बरसी। उत्तराखंड और बिहार में भारी तबाही के बाद अब बारिश का कहर मध्य प्रदेश में दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं। सतना और रीवा जिलों में बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। रीवा जिले के कलेक्टर राहुल जैन ने शुक्रवार को बताया कि 6 जुलाई की शाम को तमस नदी के पुरवा जल प्रपात में बहने से पांच युवक लापता हैं। फिलहाल इनका कुछ पता नहीं चल सका है।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक तमस नदी में बाढ़ आने से रात भर पेड़ पर फंसे तीन लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर की सहायता से निकाला गया जबकि एक अन्य स्थान से जिला प्रशासन द्वारा चार लोगों को बाढ़ से बाहर निकाला गया। राज्य शासन ने रीवा और सतना जिले के स्कूलों को शनिवार को बंद रखने को कहा है। साथ ही होशंगाबाद और जबलपुर सहित अन्य जिलों के स्कूलों बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

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सतना जिले के कलेक्टर नरेश पाल ने बताया, पानी से उफनती बरसाती नदी के कारण टापू बन चुके 1,500 की आबादी वाले सरियाटोला गांव में मोटर बोट से खाद्ध सामग्री और दवाइयां पहुंचाई गई हैं। लगभग 1200 बाढ़ प्रभावितों को पांच राहत शिविरों में रखा गया है। मौसम विभाग के मुताबिक सतना में पिछले 24 घंटे में 244 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

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बांध को भी बहाकर ले गई बाढ़
पन्ना जिले में नवनिर्मित बांध पहली ही बारिश में बह गए। इनमें से एक सेरोह बांध इटवा गांव में 27 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। दूसरा बांध बिलपुरा गांव में 11 करोड़ की लागत से बनाया गया था। दोनों बांध जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे। घटिया निर्माण की वजह से ये बांध पहली ही बारिश में बह गए।

70 गांवों से टूट गया संपर्क
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में लगातार बारिश के चलते मरोली पुलिया के ऊपर तीन फीट पानी बहने से 70 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है। जिला मुख्यालय से महज चार किमी दूर एडका मार्ग पर स्थित मेरोली नदी में लगातार 12 घंटे की बारिश से मेरोली पुलिया डूबने के कारण इस मार्ग में स्थित गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूटा रहा।

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सीएम ने कहा नियंत्रण में हैं हालात
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में भारी वर्षा के कारण कुछ जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई थी। सिंह ने कहा मध्य प्रदेश का ससना जिला बाढ़ से ज्यादा प्रभावित था। लेकिन आज की स्थिति यह है कि बाढ़ का पानी थोड़ा कम हो गया है। सिंह ने कहा ससना में तीन कैंप बनाए गए थे जहां पर बाढ़ प्रभावित लोगदों को रखा गया था और वहा पर आर्मी की भी सहायता लिया गया था। शिवारज ने कहा हम बाढ़ से निपटने के लिए पुरी तरह से तैयार है। सारी व्यवस्था की गई है।