Use your ← → (arrow) keys to browse
सुप्रीम कोर्ट ने भी 2012 में दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि गृहमंत्रालय को आदेश जारी किया है कि ऐसे मामलों में मदद करने वाले लोगों को न तो पुलिस परेशान करेगी और न ही उन्हें कानूनी दांव-पेंच में उलझाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में अगर कोई मददगार स्वेच्छा से गवाह बनता भी है तो उसे बार-बार कोर्ट आने के लिए भी परेशान नहीं किया जाएगा।
ऐसे व्यक्तियों के लिए पुलिस वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में गवाही कराने की व्यवस्था भी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने वाले पुलिस कर्मियों और अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
Use your ← → (arrow) keys to browse