गुजरात हाई कोर्ट ने 19 साल की एक हिंदू लड़की को उसके 20 वर्षीय मुस्लिम बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन में रहने की इजाजत दे दी है। क्योकि लड़के की उम्र शादी के लिए तय उम्र से कम है, इसलिए दोनों अभी शादी नहीं कर सकते। इसके लिए उन्होंने कोर्ट से लिव-इन में रहने कि इजाजत मांगी थी। जिस पर गुजरात हाई कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है।
जब वह दोनो स्कूल में साथ पढ़ते थे। उसी के दौरान दोनों को प्यार हो गया था। दोनों ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन शादी के बाद दोनों ही अपना धर्म नहीं बदलना चाहते थे। ऐसे में उनके पास सिर्फ स्पेशल मैरिज ऐक्ट का ही विकल्प रह गया था। हालांकि एक ओर जहां लड़की कानूनन शादी योग्य है, वहीं लड़के की उम्र अभी तय सीमा से कम है।
उम्र की पाबंदी को देखते हुए दोनों ने जुलाई में ‘मैत्री करार’ के लिए आवेदन किया था। ‘मैत्री करार’ एक तरह का फ्रेंडशिप अग्रीमेंट है। गुजरात में लिव-इन-रिलेशनशिप को औपचारिक रूप देने के लिए यह अग्रीमेंट किया और करवाया जाता है।