उच्च न्यायलय के आदेश के बावजूद कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ‘दही हांडी’ उत्सव में कानून का उल्लघंन

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दिल्ली:

महाराष्ट्र में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हजारों युवक रंगबिरंगे कपड़े पहने और कान्हा बने ‘‘दही हांडी ’’ समारोहों में शामिल हुए जबकि कुछ मंडलों ने दही हांडी पिरामिड की उंचाई 20 फुट से अधिक नहीं रखने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का कथित रूप से उल्लंघन किया।

मस्ती, रोमांच और धार्मिक परंपराओं का हिस्सा रहे इस उत्सव में बाल कृष्ण के दही मक्खन के प्रति प्रेम को दिखाया जाता है। इसमें युवक एक दूसरे से कंधा मिलाकर पिरामिड बनाते हैं और एक युवक पिरामिड के सबसे उपर रस्सी से बंधी दही की मटकी को तोड़ता है ।

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उच्चतम न्यायालय ने कल स्पष्ट किया था कि कोई भी मानवीय पिरामिड 20 फुट से अधिक उंचा नहीं होगा। उच्चतम न्यायालय ने पिछले कुछ सालों में दही हांडी उत्सवों में युवकों के घायल होने के मद्देनजर यह आदेश दिया था।

मुंबई के साथ लगते ठाणे में कथित रूप से शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर 16 गोविंदा मंडलों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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ठाणे से मिली एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दही हांडी को कथित रूप से 49 फुट की उंचाई पर लगाया गया था जो कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी अनुमति से दोगुनी अधिक थी। इस आयोजन के आयोजक के बारे में बताया जा रहा है कि वे राज ठाकरे की अगुवाई वाली एमएनएस से जुड़े हैं । एमएनएस ने शिवसेना के साथ ही अदालत के आदेश पर नाराजगी जाहिर की थी।

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पुलिस ने बताया कि मुंबई से शाम तक 15 लोगों को आयी मामूली चोटें के अलावा कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई । मुंबई में शीर्ष अदालत के आदेश के उल्लंघन की कोई घटना सामने नहीं आयी।