दिल्ली
बनारस में बाढ़ से हो रही तबाही के बीच प्रधानमंत्री ने पीड़ितों को मदद एवं राहत उपलब्ध कराने के लिए पार्टी के एक सांसद को काम पर लगाया है।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में लाखों लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है लेकिन वहां भोजन और पेयजल की कमी है। बाढ़ से मवेशी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और जिला प्रशासन उनके लिए चारा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहा है।
मंदिरों की नगरी बनारस के घाट जलमग्न हो गए हैं और दो जगहों पर दाह संस्कार नहीं हो पा रहा। साथ ही सूखी लकड़ी की कमी के कारण उसकी कीमत बढ़ने से मृतकों की अंत्येष्टि करनी होगी महंगी हो गयी है।
संसदीय क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंता जता चुके प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसद सी आर पाटिल को पीड़ितों तक पहुंचने और उन्हें जरूरी राहत उपलब्ध कराने का काम सौंपा है।
शहर को अपना बसेरा बनाए हुए पाटिल ने एक दिन में कम से कम 10,000 बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने और उन्हें जरूरी राहत सामग्री उपलब्ध कराने का लक्ष्य बनाया है और वह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन तक खाने के पैकेट समय पर पहुंचे।
पाटिल ने बताया कि शहर के रवींद्रपुरी कॉलोनी स्थित मोदी का संसदीय कार्यालय 24 घंटे खुला है और बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है जहां हर दिन करीब 200-300 शिकायतें आ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शिकायतकर्ताओं की समस्याओं के हल करने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं और एनडीआरएफ को प्रभावित जगहों तक पहुंचने के लिए जानकारी दी जा रही है जहां लोगों को उनकी मदद की दरकार है।’’