गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल: हिंदू ने दी कब्रिस्तान के लिए जमीन

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फोटो: साभार

नई दिल्ली। देश की राजधानी से सटे नोएडा के इलाहाबास गांव के लोगों ने गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल पेश की है। गांव वालों की आपसी समझदारी से उस वक्त सांप्रदायिक तनाव पनपने से बच गया, जब मुस्लिम समुदाय के एक बुजुर्ग की मौत होने के बाद दूसरे पक्ष ने उसे अपनी जमीन में दफनाने से मना कर दिया। इसके चलते करीब 24 घंटे तक बुजुर्ग का शव वहीं पड़ा रहा। जिसके बाद गांव में रहने वाले दूसरे पक्ष के एक अन्य शख्स ने अपनी एक हजार मीटर जमीन मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान के लिए दान कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पसरा तनाव शांत हो गया।

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पुलिस के मुताबिक, गांव में रहने वाले बुजुर्ग महमूद (65 साल) की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजन उन्हें दफनाने ले जा रहे थे तो दूसरे पक्ष ने अपनी जमीन पर दफनाने की इजाजत नहीं दी। बिगड़ते माहौल को देखते हुए महावीर सिंह नामक शख्स ने कहा कि उनके पूर्वजों ने अपनी खाली पड़ी 12 सौ वर्ग मीटर जमीन पर अस्थायी रूप से दफनाने की इजाजत दी थी। जमीन के मालिकाना हक को लेकर वह कोर्ट में गए थे, जहां से उनके हक में फैसला आया था।

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महमूद के परिजन शव घर ले गए और बर्फ पर 24 घंटे तक शव को रखे रखा। मृतक के परिजन शमीउद्दीन ने बताया कि इसकी जानकारी जब सिटी मैजिस्ट्रेट बच्चू सिंह समेत पुलिस अधिकारियों को लगी तो गांव में जमावड़ा शुरू हो गया। बातचीत के बाद गांव के ही राजेंद्र प्रधान ने अपनी एक हजार वर्ग मीटर जमीन कब्रिस्तान के लिए मुस्लिम समाज को दान दे दी। सिटी मैजिस्ट्रेट ने कहा कि कब्रिस्तान के लिए जमीन दान दिए जाने से मसला सुलझ गया है।

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