मुरादनगर:सहिष्णुता और असहिष्णुता पर बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहने की आदत डाल चुके राजनेताओं को मुरादनगर की नूरगंज कॉलोनी की इस घटना से सबक लेना चाहिए। यहां पिछले 20 वर्ष से मुस्लिम परिवार के साथ रह रही 60 वर्षीय संतोषी देवी की सोमवार को बुखार से मौत हो गई। उनकी इच्छानुसार मुसलमानों ने ना केवल बुजुर्ग महिला के शव का अंतिम संस्कार किया, बल्कि मृतका की अस्थि विसर्जन करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग अब हरिद्वार के लिए बुधवार को रवाना हो गए हैं। इतना ही नहीं मृतका की आत्म शांति के लिए गायत्री पाठ भी कराया जा रहा है।
अलीगढ़ निवासी संतोषी देवी को 20 वर्ष पूर्व पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह अलीगढ़ से गाजियाबाद आने वाली ट्रेन बैठ गईं। संतोषी देवी ट्रेन में बैठकर रो रही थीं। यह देख नूरगंज कालोनी निवासी मुन्नी (मुस्लिम किन्नर) ने उनसे रोने कारण पूछा। इसके बाद संतोषी ने उन्हें आपबीती सुनाई। मुन्नी उसे अपने साथ घर ले आई। संतोषी तब से मुन्नी के साथ ही रह रही थीं। लगभग छह वर्ष पूर्व कॉलोनी के ही अब्दुल वाहिद और उसकी पत्नी मौसीना ने संतोषी देवी और मुन्नी की सेवा करनी शुरू कर दी।
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