1993 में मुंबई में हुए बम धमाके में आज 24 साल बाद टाडा कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 12 मार्च 1993 में मुम्बई में 12 जगहों पर धमाके किए गए थे जिसमें 257 लोगो ने अपनी जान गवाई थी और 713 लोग घायल हुए थे। बता दें कि बॉम्बे की स्टॉक एक्चेंज की बिल्डिंग की बेसमेंट में दोपहर में एक बम ब्लास्ट हुआ था जिसमें करीब 50 लोगों की मौत हुई थी।
आज मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने 1993 में मुंबई ब्लास्ट के दोषियों को सजा सुनाई है। दो दोषियों को फांसी की सजा दी गई है, दो को आजीवन कारावास और एक को दस साल की सजा सुनाई गई है। ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल रशीद खान को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि अबू सलेम और करीमुल्लाह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और दोनों पर दो- दो लाख रुपये का जुर्मान भी लगाया गया है।
कोर्ट ने करीमुल्लाह को हथियार सप्लाई को दोषी माना है। रियाज सिद्दी को दस साल की सजा सुनाई गई है। मुम्बई विस्फोट के करीब 24 साल बाद दोषियों के खिलाफ सजा सुनाई गई है। 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी। टाडा अदालत ने इस मामले में अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी ठहराया था। इस मामले में याकूब मेमन को 2015 में फांसी दी जा चुकी है। अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत लाया गया था।
किस तरह से हुए ब्लास्ट
12 मार्च 1993: मुंबई में 12 जगहों पर एक के बाद एक धमाके किए गए थे।
4 नवंबर 1993: 189 लोगों के खिलाफ केस दायर हुआ और फिर 10,000 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई।
19 नवंबर 1993: मालमे की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
19 अप्रैल 1995: मुंबई की टाडा अदालत में सुनवाई शुरू।
अक्टूबर 2000: गवाहों के बयान लेने का काम पूरा हुआ।
सितंबर 2003: सुनवाई पूरी हुई। फैसला सुनाया जाना बाकी।
सितंबर 2006: अदालत ने फैसला सुनाना शुरू किया। 123 आरोपियों में से 12 को फांसी हुई। 20 को उम्र कैद हुई, जिनमें से दो की मौत हो चुकी थी। 68 लोगों को अलग-अलग उम्र कैद हुई। 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।
नवंबर 2006: इसी मामले में ही अभिनेता संजय दत्त को एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया।
27 जुलाई 2007: स्पेशल कोर्ट ने याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई।
21 मार्च 2013: सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त पर फैसला बरकरार रखा। अभिनेता को जेल भेज दिया गया।
5 अगस्त 2013: सुप्रीम कोर्ट ने अबु सलेम के प्रत्यर्पण को सही ठहराते हुए उसके खिलाफ इस बम कांड में भी केस चलाने की अनुमति दी।
30 जुलाई 2015: याकूब मेमन को फांसी दी गई।
16 जून 2017: मुस्तफा दौसा और अबु सलेम समेत छह लोगों को दोषी ठहराया गया।।