उत्तर प्रदेश के ठठिया के भदौसी गांव के रहने वाले एक दंपति ने खजाने के लालच में तांत्रिक के हाथों अपनी बेटी की बलि दिलवा दी। खजाना न मिलने पर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने तांत्रिक को दबोचा तो पूरी घटना का खुलासा हो गया। पुलिस ने जंगल से किशोरी का शव बरामद कर तांत्रिक और किशोरी के मां-बाप को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, ठठिया के भदौसी गांव के रहने वाले ढोंगी तांत्रिक श्रीकृष्ण अरविंद और उसकी पत्नी आशा के साथ अच्छे संबंध थे। और अरविंद के पड़ोसी महावीर पाल उनके घर आना जाना हो गया। और दोनों में अच्छी बोल चाल चलने लगी। और उसके कुछ दिन पहले श्रीकृष्ण ने महावीर पाल को बताया कि ठठिया के जंगलों में 5 किलो सोना दबा है। इस खजाने को सिर्फ एक मानव बलि के बाद ही बाहर निकाला जा सकता है।
महावीर के मन में लालच पैदा हो गया। और उसे ये बात सुनते ही उसने घर जाकर पत्नी शीला को खजाने की बात बताई। महावीर और शीला ने खजाने पाने की खातिर कक्षा 10 में पढ़ने वाली 14 वर्षीय पुत्री सविता की बलि चढ़ाने के लिए तांत्रिक कृष्णा को सौंपने का फैसला ले लिया। चार जून को तांत्रिक महावीर के घर से सविता को अपने साथ ले गया। चार दिन बाद जब तांत्रिक ने खजाना खोद कर निकालने से मना कर दिया तो महावीर और उसकी पत्नी ने ठठिया और तालग्राम थाने में सूचना दी कि उनकी बेटी को तांत्रिक ने अगवा किया है। इस पर ठठिया व तालग्राम पुलिस ने तांत्रिक कृष्णा को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो तांत्रिक ने सारी सच्चाई उगल दी।
पुलिस की पूछताछ के बाद तांत्रिक कृष्णा ने बताया कि मैंने पहले इस लड़की का रेप किया फिर उसी समय मैंने उसका गला दबाकर उसे खेत में गाड़ दिया। और उसने अपने गुरू की भूमिका को भी सामने लाया। उसने पर्दे के पीछे रहते हुए इस घटना की कहानी गढ़ी। बताया गया कि पर्दे के पीछे रहने वाले गुरू के दिशा-निर्देश पर ही तांत्रिक कृष्णा ने इस कृत्य को अंजाम देता था।