भारत का इकलौता कैशलेस शहर, 30 सालों से नहीं हुआ नकदी का इस्तेमाल

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1968 में बने ऑरोविले इंटरनेशनल टाउन में 1985-86 में एक फाइनेंशियल सर्विस सेंटर स्टार्ट किया गया। तब से ये आरबीआई की परमिशन लेकर बैंक की तरह ही काम करता है। इसमें यहां रहने वाले लोग अपना पैसा ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा कराते हैं। इसके बदले ऑरोविले फाइनेंशियल सर्विस (एएफएस) एक अकाउंट नंबर देता है। एएफएस के इंचार्ज रतनम के मुताबिक, ऑरोविले के करीब 200 कॉमर्शियल सेंटर और छोटी-बड़ी दुकानों पर इसी अकाउंट नंबर को बता के खरीददारी की जाती है। वहीं, यहां आने वाले गेस्ट और वॉलेंटियर के लिए डेबिट कार्ड की तरह एक ऑरो कार्ड जारी किया जाता है। रतनम का कहना है कि कुल मिलाकर ऑरोविले की सीमा के अंदर की दुकानों पर तो कैश से पेमेंट का कोई सिस्टम नहीं है। लेकिन, शहर के बाहर से जरूरी सामान मंगाने के लिए ऑनलाइन सुविधा ना होने पर कभी-कभी कैश पेमेंट करना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर कुछ टूरिस्टों को भी इमोश्नल ग्राउंड पर छूट दे दी जाती है। बता दें, ऑरोविले टाउन तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले में है। चेन्नई से इसकी दूरी 150 किमी और पुदुचेरी से 10 किमी है।

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साभार: DainikBhaskar.com

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