भारत का इकलौता कैशलेस शहर, 30 सालों से नहीं हुआ नकदी का इस्तेमाल

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कैशलेस
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जहां पूरा देश नोटबंदी से परेशान है वहीं देश में ऐसी जगह भी हैं जहां नोटबंदी को कोई असर नहीं पड़ा। एक ऐसा गांव जहां 10 रूपए की चाय से लेकर सिगरेट की पेलमेंट भी लोग मोबाइल से करते हैं। इसी तरह एक ऐसा गांव जहां लोगों ने नोट की शक्त तक नहीं देखी है। यहां की अवाम को ना तो घाटों लाइन में खड़ा होना पड़ा ना ही अपने 500 और 1000 के नोटों को बदलवाने की ज़रूरत पड़ी और रोज़मर्रा के खर्चों पर कोई असर पड़ा। फिर चाहे चेन्नई से 150 किमी दूर मौजूद ऑरोविले शहर की बात करें या अहमदाबाद से 85 किमी दूर अकोदरा गांव की। इसकी वजह यहां की कैशलेस इकोनॉमी है।

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आपको बता दें कि ओरोविले में तो नोटों का चलन तब से बंद है जब भारत में 500 और 1000 के नोट छपने भी शुरु नहीं हुए थे। ऑरोविले में तो नोटों का चलन तब से बंद है जब भारत में 500 और 1000 के नोट छपने भी शुरु नहीं हुए थे। वहीं, अकोदरा में सबसे कम पढ़ा-लिखा इंसान भी आज मोबाइल से पेमेंट करता है। बता दें, देश में पहली बार 500 रुपए का नोट 1987 में आया था। 50 हज़ार आबादी वाला ऑरोविले शहर 1986 में 30 साल पहले से कैशलेस है।

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