कश्मीर में भाईचारे की मिसाल कायम करके मोहर्रम जूलूस में शामिल हुए सभी समुदाय

0
मोहर्रम
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

हर साल शरीर को तरह-तरह की तकलीफ देकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत के दर्द को याद करते हुए मोहर्रम ताजिया निकाला जाता है जम्मू कश्मीर में भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए बुधवार को जम्मू की सड़कों पर मोहर्रम के ताजिये निकले गए। पीर मिट्ठा से शुरू होकर जुलूस विभिन्न बाजारों से होते हुए करबला में समाप्त हुआ। इस दौरान शहीदों का मातम फख्र के साथ मनाया गया।

इसे भी पढ़िए :  मां की ममता ने आतंकी को सरेंडर करने पर किया मजबूर

इमाम हुसेन की तकलीफों का शोक मना रहे लोगों ने तरह-तरह के कष्ट अपने जिस्म को देकर पूर्वजों की कुर्बानी की गाथा सुनाई। इस अवसर पर शिया फेडरेशन जम्मू, अंजुमन-ए-इमामिया पीर मिट्ठा, अंजुमन-ए-हैदरी न्यू प्लाट, आल लद्दाख मुस्लिम स्टूडेंट एसोसिएशन, मुस्लिम फेडरेशन आदि संगठनों के झंडे तले शिया समुदाय के लोगों ने जुलूस में हिस्सा लिया।

इसे भी पढ़िए :  योगी सरकार आज पेश करेगी पहला बजट

मोहर्रम ताजिया को देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे और पुलिस और प्रशासन केवरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। जुलूस निकलने वाली सड़कों से यातायात को अन्य रूटों पर शिफ्ट किया गया था। इससे पूर्व न्यू प्लाट से मोहर्रम जुलूस शकील करबलाई की अगुवाई में निकला, जो कि विभिन्न बाजारों से होते हुए पीर मिट्ठा में संपन्न हुआ।

इसे भी पढ़िए :  हर हाल में जेल में जाऐंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा: मनोहर लाल

अगले पेज में पढ़िए आगे की खबर-

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse