साल 2015 में सेहत बिगड़ने के बाद जयललिता के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल में किए गए बदलावों के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि आय से अधिक मामले में दोषी ठहराए जाने से पहले मुख्यमंत्री और सुरक्षा अधिकारियों की गाड़ी में दो फीट का गैप रहता था। जेल जाने के बाद वह कमजोर हो गई थीं। इसके बाद यह गैप केवल एक फीट रखा गया ताकि जरूरत पड़ने पर जल्दी मदद की जा सके। पिछले दो सालों में उन्हें लंबे समय तक खड़े रहने में दिक्कत होती थी। सार्वजनिक रैलियों के दौरान मंच पर जाने के लिए वह एलिवेटर का इस्तेमाल करती थीं। वह बैठकर ही भाषण देती थीं।”
एक पूर्व राज्य मंत्री के शब्दों में, ”जेल ने उनकी सेहत बिगाड़ दी। जेल में उन्होंने डॉक्टर्स से मिलने और मेडिकल मामलों की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया था। हालांकि कुछ सीनियर नेताओं और नौकरशाहों के समझाने पर वह मानी। हमने उनके लिए विशेष रूप से तैयार की गई कुर्सी जेल में भिजवाई। बाकी नेता जेल के बाहर सोते थे जिससे कि उन्हें लगे कि वह अकेली नहीं हैं। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद अम्मा बदल गईं थी। उन्हें ना तो जमानत और ना बरी होने से खुशी मिली।”