जयललिता का स्वास्थ्य कभी भी चिंता का विषय नहीं रहा और ना ही कभी तमिलनाडु में यह सार्वजनिक बहस का मुद्दा बना। लेकिन सितम्बर 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाने के बाद से उनकी तबीयत नासाज रहने लगी। इस मामले में वे आठ महीने बाद बरी हो गई थीं। जया ने हमेशा अपनी गोपनीयता को लेकर सावधान बरतीं और कभी भी किसी को भी इसमें दखल नहीं देने दिया। इसलिए किसी को भी ठीक तरह से नहीं पता कि वे कितनी बीमार थीं। जयललिता सार्वजनिक रूप से आखिरी बार 20 सितम्बर को देखी गई थीं। इसके दो दिन बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब वैंकेया नायडू और पोन राधाकृष्णन चेन्नई एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन की नई लाइन का अनावरण करने आए थे तब भी जया अपने दफ्तर से वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ीं। उनकी सुरक्षा टीम के एक अधिकारी ने बताया, ”वह पहले से ही बीमार थीं। उस दिन भी उन्हें व्हीलचेयर से लाया गया था और वहीं पर वीडियो शूट किया गया।”
कर्नाटक जेल से रिहा होने के बाद जया की तबीयत तेजी से खराब हुई। इसी समय उनके विरोधियों ने उनकी लाइफस्टाइल और कम काम करने को लेकर सवाल उठाए। हाल ही में रिटायर हुए एक आईएएस अधिकारी ने बताया, ”मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद को बड़ी जिम्मेदारियों से दूर रखा। पूर्व चीफ सेक्रेटरी शीला बालाकृष्णन सहित अन्य विश्वस्त साथियों ने ही सरकार चलाई।” जया के सुरक्षा बेड़े में काम कर चुके एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने पिछले आम चुनावों की घटना का जिक्र किया। उनके अनुसार फोर्ट सेंट जॉर्ज का आधा रास्ता तय करने के बाद उन्होंने अचानक कहा कि उन्हें घर जाना है। अधिकारी ने बताया, ”उन्होंने ड्राइवर को गाड़ी घुमाने को कहा। उन्हें बैचेनी महसूस हो रही थी और घर जाना चाहती थीं। उन्हें दर्द हो रहा था। इसके चार घंटे बाद वे अपने दफ्तर जा पाईं।”