बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार द्वारा काला या अघोषित धन पर कार्रवाई करने के लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर लगाई पर पाबंदी के फैसले से पहले बीजेपी ने राज्य में पार्टी कार्यालयों के कई जमीनें खरीदीं।
जेडीयू का आरोप है कि जमीन खरीद का समय यह दर्शाता है कि सत्तारूढ पार्टी को विमुद्रीकरण के कदम के बारे में सूचना दे दी गई थी, जिससे इस वर्ष अगस्त और सितंबर के बीच 23 जमीन सौदे किए गए। नोटबंदी का ऐलान 8 नवंबर को किया गया।
राज्य में सत्तारूढ़ जेडीयू ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने कुछ मामलो में जमीनों के लिए सर्किल रेट या बेस कोस्ट से कम भुगतान किया। इसके साथ ही उसने इसकी जांच की मांग की।
जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ‘वे विमुद्रीकरण के बारे में जानते थे, लिहाजा ज्यादातर डील अगस्त और सितंबर में ही कर ली गईं’।