झारखंड पुलिस ने 28 बकरियों को भेजा जेल, कोर्ट से नहीं मिल रही है बेल

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झारखंड
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अब तक आपने अपराध व भ्रष्टाचार के आरोप में लोगों को कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाते देखा होगा, लेकिन झारखंड की राजधानी रांची के 28 बकरे-बकरियां कागजों पर जेल में हैं और उन्हें कोर्ट से बेल का इंतजार हैं. यूपी सरकार के अवैध बूचड़खाने बंद करने के आदेश को झारखंड सरकार ने कोर्ट आदेश की तरह रातों-रात अपना लिया. सरकारी फरमान से पहले मीट-चिकन शॉप को तैयारी तक का समय नहीं मिला. इधर आदेश जारी हुआ, उधर शहर में ताबड़तोड़ छापेमारी होने लगी.

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सदर एसडीएम ने मीट शॉप पर छापेमारी की थी. राज मीट शॉप और मुस्कान मीट शॉप में छिपा कर रखे 28 बकरों को जब्त किया था. ये बकरे कुछ दिनों तक नगड़ी थाना में रहे. बकरों को घार चरवाने में जब थानेदारों के हाथ पांच फूलने लगे तो किराए पर बकरी चराने का जिम्मा दूसरे को दे दिया. ये बकिरयां अब भले ही नगड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में अब खुले में घास चर रही हैं, पर कागजों में जेल में ही बंद हैं. उन्हें बेल का इंतजार है जिसके लिए उनके मालिक एड़ी चोटी एक किए हुए हैं.

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राज मीट शॉप के बबलू मंसूर कहते हैं कि सरकार के आदेश से पहले से खरीदी बकरे-बकिरयां दुकान में रखी थीं, जिन्हें पुलिस वाले जब्त कर के लिए गए. अब हम इन्हें पुलिस कस्टडी से छुड़ाने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं.
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