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उन्होंने लिखा है कि ‘भूमिपुत्र’ सिद्धांत के तहत गुजरातियों, दक्षिण भारतीयों, उत्तर भारतीयों वगैरह को बाहरी समझा जाता है। जबकि भारत एक राष्ट्र है और गैर-मराठियों को महाराष्ट्र में बाहरी नहीं समझा जाना चाहिए। काटजू ने लिखा कि ठाकरे की बनाई शिवसेना ने 60 और 70 के दशक में दक्षिण भारतीयों पर हमले किए, उनके रेस्तरा और घरों में तोड़-फोड़ किया। 2008 में बिहारियों और उत्तर प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया। अपने ब्लॉग में काटजू ने लिखा है कि इस तरह से ठाकरे का वोट बैंक तैयार हुआ जो नफरत पर आधारित है।
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