केरल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में लड़कियों के जींस लैगिंग्स और आवाज करने वाले गहने पहने पर रोक लगा दी गई है। सरकार की ओर से संचालित त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज ने छात्राओं को ये तुगलकी फरमान जारी किया गया है। यही नहीं कॉलेज में प्रेक्टिस के दौरान छात्राएं अगर मरीजों को देखती हैं, तो उस वक्त वो कोई भी आवाज करने वाले गहने नहीं पहन सकतीं।
कॉलेज प्रिंसिपल की तरफ से गुरुवार को इस आदेश का सर्कुलर जारी किया गया। छात्राओं से कहा गया है कि वे चूड़ीदार या साड़ी पहन कर क्लास में आएं और साथ ही अपने बालों को भी बांध कर रखें। कॉलेज के छात्रों पर भी जींस, टी-शर्ट्स, अन्य कैजुअल्स और चप्पल पहन कर क्लास में आने पर भी रोक लगा दी गई है। उनसे कहा गया है कि साफ और सभ्य कपड़े पहन कर क्लास में आएं।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ थॉमस मैथ्यू का कहना है, ‘कॉलेज में ड्रेस कोड कोई नई बात नहीं है। लेकिन सालों से स्टूडेंट्स इसका पालन नहीं कर रहे थे। अब हमने इसे अनिवार्य करने का फैसला किया है।’

मेडिकल कॉलेज के इस ड्रेस कोड का विरोध भी शुरू हो गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल कॉलेज डॉक्टर्स के संतोष कुमार का कहना है, ‘संस्थान का अपना ड्रेस कोड हो सकता है। लेकिन इसमें काफी विसंगतियां है। जींस में क्या बुराई है? हमारे जैसे मल्टीकल्चरल देश में हमें विस्तृत होने की जरूरत है। अगर कोई ड्रेस कोड है भी तो उसे तर्कसंगत होना चाहिए।’