इस मस्जिद में माइक नहीं, इशारों से पढ़ाई जाएगी जुमे की नमाज

0
रमजान

रमजान का महीना शुरू होने में बस कुछ ही दिन बाकी है। यह महीना मुसलमानों के लिए बहुत खास होता है और मस्जिदों की रौनक बढ़ जाती है। वहीं केरल के मल्लापुरम इलाके की एक मस्जिद सुर्खियों में है। माना जा रहा है यह देश की पहली अनोखी मस्जिद होगी। इस मस्जिद में अनोखा यह होगा कि इसमें नमाज-उपदेश इशारों के जरिए पढ़ाई जाएगी। इशारों की मदद से नमाज पढ़ाने की कोशिश इसलिए की जा रही जिससे कि दिव्यांग लोगों को भी लाभ हो। बता दें जुमे (शुक्रवार) की नमाज पढ़ाए जाने से पहले मस्जिद में उपदेश दिया जाता है। हर शुक्रवार को होने वाली नमाज में मस्जिद के इमाम या मौलवी, नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए लोगों को उपदेश देते हैं। इस मौके पर इमाम कुरान की बातों को ही अपने उपदेश का हिस्सा बनाते हैं या यूं कहें कि कुरान का मेसेज लोगों को दिया जाता है।

इसे भी पढ़िए :  2,000 मस्जिदों और मदरसों पर है यूपी पुलिस की कड़ी नजर, पढ़ें- क्यों?

टाइम्स ग्रुप की खबर के मुताबिक मल्लापुरम में मस्जिद अल-रहमा का उद्घाटन बीते सोमवार(22 मई) को हुआ था। यहां पर जुमे की नमाज का उपदेश इशारों की भाषा से दिया जाएगा जिससे दिव्यांग लोगों को भी लाभ मिलेगा। इशारों से उपदेश देने और नमाज पढ़ाने का काम एलसीडी स्क्रीन्स की मदद से किया जाएगा। वहीं खबर के मुताबिक मस्जिद को 5 एकड़ के कैम्पस में बनाया गया है। मस्जिद में एक बार में लगभग 500 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ सकेंगे। वहीं मस्जिद की टॉइलेट्स में आर्म रेस्ट और रैंप्स बनाए गए हैं जिससे चलने में असमर्थ लोगों को आसानी हो सके। साथ ही व्हीलचेयर की सुविधा भी मस्जिद में मुहैया कराई जाएगी। खबर के मुताबिक इस मस्जिद को बनवाने का काम एनजीओ एबिलिटी फाउंडेशन ने किया है। यह एक गैर-सरकारी चैरिटेबल संस्था है जो मुजाहिद ग्रुप का हिस्सा है।

इसे भी पढ़िए :  पति के अनुपस्थिति में ब्वॉयफ्रेंड के साथ मान रही थी रंगरलियां, तभी आ गए पड़ोसी और फिर...

खबर के मुताबिक फाउंडेशन के चेयरमैन मुस्तफा मदनी का दावा है कि उनके एनजीओ में लगभग 300 दिव्यांग छात्र पढ़ते हैं। इनमें से लगभग 200 छात्र सुनने में असर्मथ हैं। ऐसे में कई बार छात्र नमाज और उपदेश से नदारद रहने को मजबूर होते थे। ऐसे में उन्हें(मदनी) को विचार आया कि क्यों नहीं मस्जिद में इशारों की मदद से नमाज और उपदेश देने का काम किया जाए जिससे सबको लाभ हो।

इसे भी पढ़िए :  अखिलेश यादव को मजबूरी में करना पड़ा था कांग्रेस से गठबंधन! पढ़ें अंदर की खबर