यूपी में एसपी-कांग्रेस गठबंधन की करारी हार पर बात करते हुए लालू ने कहा कि एसपी की हार का एकमात्र कारण परिवार की कलह नहीं है, बल्कि कई और कारण भी हैं। आरजेडी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने काफी देर से काम शुरू किया। उम्मीदवारों के चुनाव में देरी हुई। ‘ये चाचा का कैंडिडेट है और वो काका का कैंडिडेट’ इस सब में काफी देर हो गई। इसके बाद संघ ने यादव और गैर-यादवों को विभाजित करने के लिए कई हथकंडे अपनाए। उन्होंने ओबीसी (केशव प्रसाद मौर्य) चेहरे को आगे कर ओबीसी वोट हासिल किया और बाद में लोगों को बेवकूफ बनाया।
बीजेपी ने बीएसपी के कई गैर-जाटव नेताओं को लालच देकर अपनी पार्टी में लिया और उनके सपोर्ट को अपने पक्ष में इस्तेमाल किया। अगर यूपी के नतीजों को देखें तो माया और मुलायम का वोट शेयर करीब 45% है, लेकिन सब बेकार हो गया। बीजेपी को इस विभाजन का पूरा फायदा मिल गया।।
सोनिया करें बातचीत की शुरुआत
देश भर में महागठबंधन पर बात करते हुए लालू ने कहा, ‘अब हमें उनका गेम प्लान समझ आ गया है। सोनिया गांधी ने फोन कर के मुझे बुलाया। मैंने उनसे कहा कि ऑल इंडिया पार्टी होने के नाते उन्हें पहल करनी चाहिए। मैंने ममता बनर्जी की तरह ही उन्हें भी हमेशा सपॉर्ट किया है। अब सभी पार्टियों बीजेपी की रणनीति को समझ रही हैं। ‘ लालू ने कहा कि उन्होंने मायावती से विपक्ष के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए कहा है। अगर वोट विभाजित होता है तो पूरा उत्तर भारत कन्सॉलिडेट हो जाएगा और तमिलनाडु में बीजेपी एक गुट को पकड़कर संघर्ष पैदा करने का प्रयास कर रही है।
लालू ने कहा, ‘महाराष्ट्र में, पहले ही बीजेपी और शिवसेना के बीच लड़ाई चल रही है, जिससे हमें फायदा होगा। इसके अलावा मोदी सरकार की ढुलमुल नीतियां, माओवाद की समस्या, जम्मू-कश्मीर पूरी तरह नियंत्रण से बाहर है’। जब लालू से बिहार में गठबंधन में मतभेद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘सुशील मोदी बोलते रहते हैं। हम उनकी रणनीति समझते हैं। यह सब करने में आरएसएस को महारत हासिल है। हम लोग बेवकूफ नहीं हैं। हम लोग पहले से ज्यादा करीब हैं। मतभेदों की सभी खबरें पूरी तरह झूठ हैं। हम जिस डाल पर बैठे हैं, उसे नहीं काटेंगे।’